Friday, October 22, 2010

नक्सलवाद



पत्रिका, रायपुर, २१ अक्टूबर

Monday, February 1, 2010

सबसे ज्यादा IAS व IPS भी बिहारी


राजद के पूर्व सांसद साधु यादव के अनुसार बिहारी अपने काम, मेहनत और हिम्मत के लिए देश में ही नहीं, विदेशों में भी जाने और पहचाने जाते हैं। यदि देश में बिहारी मजदूरों की संख्या ज्यादा है, तो यह भी नहीं भूलना चाहिए कि सबसे ज्यादा IAS और IPS भी बिहार के ही हैं। पिछले दिनों रायपुर दौरे पर आए श्री यादव ने विभिन्न् मुद्दों पर विचार से बात हुई।
0 छत्तीसगढ़ और बिहार में क्या समानता देखते हैं?
00 दोनों राज्यों के लोग सीधे-सरल, मिलनसार और मेहनती हैं। इसी दम पर उन्हें पहचाना जाता है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति को अभी ज्यादा करीब से देखने का मौका तो नहीं मिला है, लेकिन जो कुछ भी देखा-सुना है। वह काफी कुछ बिहार जैसा ही है।
0 छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के भविष्य को लेकर क्या सोचते हैं?
00 छत्तीगढ़ ही नहीं पूरे देश में कांग्रेस का भविष्य उज्जवल है। यहाँ हुए विधानसभा उपचुनाव और नगरीय निकाय चुनावों के रिजल्ट की हमें जानकारी मिली है। इसमें पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है। धीरे-धीरे लोग वापस कांग्रेस पार्टी की तरफ रूख कर रहे हैं। प्रदेश में अगली सरकार कांग्रेस की ही बनेगी।
0 यहाँ पार्टी के अंदर काफी गुटबाजी है?
00 देखिए कांग्रेस सबसे पुरानी और सबसे बड़ी पार्टी है। इसमें कई बड़े नेता है। सभी के समर्थक भी हैं। उनके सोचने और काम करने का तरीका अलग-अलग हो सकता है, लेकिन उसे गुटबाजी नहीं कहा जा सकता। सभी की नीति और रीति कांग्रेस के हीत में ही रहती है।
0 राहुल गाँधी की सक्रियता का पार्टी पर क्या असर पड़ रहा है?
00 राहुल जी कांग्रेस के युवा नेतृत्व हैं। उनके मागदर्शन में कांग्रेस का तेजी से जनाधार बढ़ रहा है। इसका असर हमने उत्तर प्रदेश से लेकर दूसरे कई राज्यो में देखा है। उनकी सक्रियता से पार्टी में युवाओं का जुड़ाव और लगाव दोनों बढ़ा है। उन्हीं की कोशिशों का नतीजा है कि कांग्रेस अपने पुराने तेवर में लौट रही है।
0 दलबदल के बाद आप चुनाव हार गए?
00 राजनीतिक जीवन में चुनाव में हार-जीत चलता रहता है। जहाँ तक पिछले चुनाव का सवाल है, तो परिसिमन की वजह से मेरा क्षेत्र बदल गया। हमारी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के निर्देश पर मैंने चुनाव की तैयार की, वह भी अपने क्षेत्र से करीब 150 किमी दूर जाकर दूसरी सीट से चुनाव लड़ा। कम वक्त और तैयारी के बावजूद हमने अच्छी टक्कर दी।
0 बिहार में कांग्रेस समाप्ति की ओर है?
00 यह आप कैसे कह सकते हैं। बिहार में कांग्रेस तेजी से प्रगति कर रही है। यह केवल दावा नहीं है, बल्कि लोकसभा चुनाव के परिणाम में यह साबित भी हुआ है। तमाम दलों की मौजूदगी के बावजूद इस बार चुनाव में कांग्रस का वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है। विधानसभा चुनाव में निश्चित रूप से हम और बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
0 बिहार में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होना है? तैयारी कैसी चल रही है?
00 हाँ, हम और हमारी पार्टी इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। सदस्यता अभियान के माध्यम से हम अधिक से अधिक संख्या में लोगों को पार्टी से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। वैसे तो बिहार में कांग्रेस की जड़े पुरानी हैं, लेकिन बीच में परिस्थिति बदल गई थी। अब हालात बदल गए हैं। कांग्रेस फिर से उभर कर आ रही है।
0 बिहार की एनडीए सरकार अच्छा काम कर रही है?
00 विज्ञापन और झूठे प्रचार देखकर बिहार से बाहर बैठे लोग ऐसा कह सकते हैं, लेकिन सच्चाई जानना है तो वहाँ जाकर देखना पड़ेगा। पूरी सरकार एक वर्ग विशेष के कब्जे में हैं। आम लोगों के हित में कोई काम नहीं हो रहा है। सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से लोग महस्र्म हैं। सड़क और बिजली की स्थिति इतना खस्ताहाल है कि राजधानी के लोग त्रस्त हैं, तो बाकी प्रदेश की स्थिति क्या होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
0 एनडीए के राज में कानून-व्यवस्था स्थिति को आप कैसे देखते हैं?
00 जिस प्रदेश की राजधानी में दिनदहाड़े अपहरण और हत्या की वारदातें हो रही हो, वहाँ के कानून- व्यवस्था के विषय में क्या कहा जा सकता है। पहले लोग कहते थे बिहार में जंगल राज है, लेकिन अब वहाँ महा जंगल राज हो गया है। लोग अपने घरों में सुरक्षित नहीं है। बहु-बेटियों का रास्ता चलना कठिन हो गया है। एनडीए सरकार पूरी तरह फेल हो गई है। उसके कुशासन से जनता त्रस्त है, जिसका परिणाम उसे विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा।
0 बिहार सरकार का आरोप है कि केंद्र से सहयोग नहीं मिलता?
00 यूपीए सरकार सहयोग नहीं करती तो बिहार की एनडीए सरकार आज तक खड़ी नहीं रहती। बाढ़ पीड़ितों की सहायता से लेकर हर समय एनडीए सरकार ने बिहार सरकार की भरपूर सहायता की है। यूपीए सरकार ने विभिन्न् योजनाओं और मदों में करोड़ों स्र्पए वहाँ की सरकार को दिया है, लेकिन यह उनकी अक्षमता है कि वे इस पैसे और सहयोग का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
0 देश के अंदर ही बिहारी बेगाने होते जा रहे हैं?
00 भारत एक लोकतांत्रिक देश है, कश्मीर से लेकर कन्यकुमारी तक देश एक है। बिहारी भी इसी देश के नागरीक हैं। उन्हें भी दूसरे प्रांतो में जाने का अधिकार है। कुछ छोटी मानसिकता के लोग हैं, जो प्रांत और जाति के नाम पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
0 महाराष्ट्र और हरियाणा सहित कई राज्यों में उन पर हमले हो रहे हैं?
00 मैंने कहा न यह सब छोटी और ओछी मानसिकता के लोगों की कायरना करतूत है। क्या बिहार में दूसरे प्रांतो के लोग नहीं रहते। हम तो बिहार में किसी का विरोध नहीं करते। बिहारी अपनी मेहनत और ईमानदारी के दम पर जीते हैं। कई राज्यों की पूरी अर्थव्यवस्था उन्हीं पर टिकी है। इनमें महाराष्ट्र, हिरयाणा और पंजाब भी शामिल हैं। अगर बिहारी इन राज्यों से हट जाएँ तो ये राज्य ठप हो जाएँगे। विदेशों में भी बिहार का डंका बता है।
0 छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों में होने वाली बड़ी वारदातों में अक्सर बिहारियों गिरोह का नाम आता है? क्या वहाँ केवल अपराधी ही रहते हैं?
00 देखिए आरोप लगाने वाले कुछ भी कह सकते हैं, भारत स्वतंत्र देश है यहाँ हर किसी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, इसलिए किसी को कुछ भी बोलने से नहीं रोका जा सकता। हाँ, बिहार का नाम केवल आपराध के लिए लेने वालों को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि देशभर में सबसे ज्यादा आईएएस और आईपीएस अफसर भी उसी बिहार से आते हैं। देश की कई सर्वोच्च संस्थाओं में बिहारी ही प्रशासक हैं।